परमेश्वर के द्वारा सम्भाले गए

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By John Piper About The Sovereignty of God

Translation by Desiring God


यिर्मयाह ३२ :३६ -४१

परन्तु अब इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस नगर के विषय में , जिसके लिए तुम लोग कहते हों कि वह तलवार, महंगी और मरी के द्वारा बाबुल के राजा के वश में पड़ा हुआ है यों कहता है : देखो , मैं उनको उन सब देशों से जिनमें मैं ने क्रोध और जलजलाहट में आकर उन्हें बरबस निकाल दिया था , लौटा ले आकर इसी नगर में इकट्टे करूँगा , और निडर करके बसा दूँगा | और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे , और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा | मैं उनको एक ही मन और एक ही चाल कर दूँगा कि वे सदा मेरा भय मानते रहें , जिस से उनका और उनके बाद उनके वंश का भी भला हो | मैं उनसे यह वाचा बांधूंगा कि मैं कभी उनका संग छोड़कर उनका भला करना न छोडूंगा ; और अपना भय मैं उनके मनसे ऐसा उपजाऊंगा कि वे कभी मुझसे अलग होना न चाहेंगे | मैं बड़ी प्रसन्नता के साथ उनका भला करता रहूँगा , और सचमुच उन्हें इस देश में अपने सारे मन और प्राण से बसा दूँगा |

अनुक्रम

सम्भालने वाला अनुग्रह क्या है ?

परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह की हम १२५ वर्षगांठ मना रहे हैं | यह क्या हैं ? संभालने वाला अनुग्रह क्या है ? मैं इसे चार पंक्तियों की एक कविता में समझाना चाहूँगा |

वह अनुग्रह नही कि जो सच्चा आनंद नहीं,
उसे रोके न ही समस्त संकटों से बचाए , परन्तु यह है,
वह अनुग्रह जो हमारे दुख दर्द को नियोजित करता,
और तब , अन्धकार में हमें संभालता है |

मैं इसपर जोर देता हूँ क्योंकि उस अनुग्रह के लिए धन्यवाद देना जो कि सच्चा आनंद नहीं उसे रोके और समस्त दुःख दर्द से बचाए रखे और हमारी पिडाओं को सहने की शक्ति न दे बाइबल के अनुसार नही है और अयथार्थ है |

...दुर्घटना में मरते मरते बचे

हमारा अनुभव तथा बाइबल हमें यह सिखाती है कि अनुग्रह दुख दर्द को नही रोकता है, परन्तु हमारे दुख दर्द को व्यवस्थित करता और सिमित करता है और तब अंधकारपूर्ण समयों में हमें सम्भालता है | उदाहरण के लिए कल ही प्रभु के एक दास बैप्टिस्ट जनरल कान्फ्रेन्स के अध्यक्ष बॉब रिकर ने परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह के विषय स्मरण दिलाया | लगभग दस वर्ष पूर्व डी और उनकी बेटी एक कार दुर्घटना में मरते मरते बचे | उनकी बेटी आज इसलिए जीवित है क्योंकि उनके पीछे वाली कार में एक डॉक्टर थे और उनकी जेब में एक एयर ट्यूब रखा था | वे कार से उतरे और देखा कि वह लड़की नीली पड़ रही थी | उन्होंने उस ट्यूब को उसके गलेमें डाल दिया और उसे बचा लिया | कुछ वर्ष पश्चात उस बेटी का विवाह हुआ तब उस के पिताने कहा , तुम्हारे चेहरे पर ये कुछ निशान जो हैं वे परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह के चिन्ह हैं |

बॉब रिकर मूर्ख नहीं हैं | वे जानते हैं कि यदि परमेश्वर उनके पीछे वाली कार में डॉक्टर को ठहरा सकता था , और कि इस डाक्टर के पास साँस लेने वाली ट्यूब हो, और उसे तुरंत यह समझ आए , कि उस ट्यूब का उपयोग करना है , तब तो परमेश्वर उस दुर्घटना होने से रोक सकता था | वास्तव में , प्रभु के दास ने इफिसियों १:११ को उद्धरत किया था , “उसी में जो अपनी इच्छा कि सुमति के अनुसार सब कुछ करता है , हमने भी उसके अभिप्राय के अनुसार , पहिले से ठहराए जाकर उत्तराधिकार प्राप्त किया है |” उन्होंने जोर दिया है कि , “सब कुछ का मतलब सबकुछ” | मैं सोचता हूँ कार और हवाई जहाज और तीर और बंदूक की गोली सहित सब कुछ पूर्वनियोजित है | मेरी लघु कविता की यही प्रेरणा थी एक सम्भालने वाला अनुग्रह क्या है?”

वह अनुग्रह नहीं कि जो सच्चा आनंद नहीं,
उसे रोके न ही समस्त संकटो से बचाए , परन्तु यह है,
वह अनुग्रह जो हमारे दुख दर्द को नियोजित करता,
और तब अन्धकार में हमें संभालता है |

...जब वाहन खराब हो जाए

दो सप्ताह पहले नोएल और अब्राहाम और बार्नबस और तलिथा कार से जॉर्जिया की यात्रा कर कहे थे | इंण्डियाना पोलिस के दक्षिण में एक घंटे बाद सुनसान रास्तेमें उनकी कार खराब हो गयी | रेडिएटर गरम हो गया था, वह खराब हो गया | ५०- ५५ वर्ष की उम्र का एक किसान जा रहा था | उसने रुककर सहायता करनी चाही | नोएल ने कहा कि उसे लगता है कि हमें किसी होटल में रुकना होगा और शायद सोमवार सुबह कोई गैरेज खुलने पर हमारी कार सुधारी जा सकेगी | उस किसान ने कहा , “क्या आप लोग मेरे और मेरी पत्नी के साथ रुकना चाहेंगे ?” नोएल कुछ हिचकिचाई , इससे पहले कि वह कुछ कह पाते उस किसान ने कहा ,”प्रभु कहता है , जब हम दूसरों की सेवा करते हैं तो हम मानो उसकी सेवा करते हैं |” नोएल ने पूछा , क्या आप सुबह हमें अपने साथ चर्च ले जा सकते हैं ?” किसान ने कहा , यदि आपसे बैप्टिस्ट चर्च जानेसे कोई एतराज न हो|”

अत: वे उस किसान के घर ठहर गए , जो कि मैकेनिक भी था , और उसने कार की खराबी को समझ लिया , सोमवार को शहर गया , नया रेडिएटर लाया , कार सुधारा , और वह भी सब कुछ मुफ्त में ,तब उस परिवार को विदा किया | इस बीच बार्नबस ने अपना फिशिंग रॉड निकाला और एक बड़ी सी मछली भी पकड़ी |

जो परमेश्वर नोएल की सहायता करने के लिए एक किसान को ठहरा सकता था और यह भी कि वह मसीही हो (चाहे बैप्टिस्ट क्यों न हो ) और कि उसके यहां एक परिवार को ठहराने की व्यवस्था हो और कि वह एक मैकेनिक हो, और कि वह सोमवार की सुबह सबसे पहले रेडिएटर लेने जाए , और कि अपना समय दे ... और उसके पास मछलियों से भरा टैंक हो | यह परमेश्वर सुनसान मार्गपर रेडिएटर को फटने से अवश्य रोक सकता था |

...जब चंगाई नही मिलती

परन्तु निरर्थकता के इस पतित संसार में संभालने वाला अनुग्रह केवल यही नहीं करता है |

वह अनुग्रह नहीं कि जो सच्चा आनंद नहीं,
उसे रोके न् ही समस्त संकटो से बचाए , परन्तु यह है,
वह अनुग्रह जो हमारे दुख दर्द को नियोजित करता,
और तब अन्धकार में हमें संभालता है |

हमारी कलीसिया का एक युवक इन दिनों कठिन समयों से होकर गुजर रहा है | उसके विश्वास की कड़ी परीक्षा हो रही है | हाल ही में उसने मुझसे कहा , “ यह अधिक सहज हुआ होता यदि यीशु ने चंगाई न दी होती वरन् चंगाई न होने पर सहने का अनुग्रह दिया होता” | मैंने उस युवक से कुछ यूँ कहा ,यीशु ने ठीक यही किया और इसी कारण

२ कुरिन्थियों १२:९,१० में परमेश्वर का अनुग्रह यह ठहराता है कि पौलुस को दीन रखने के लिए उसकी देह में एक कांटा रहे और तब प्रार्थना के उत्तर में वह कांटा दूर न किया जाए | परन्तु वह कहता है,

मेरा (सम्भालने वाला ) अनुग्रह तेरे लिए पर्याप्त है, क्योकि निर्बलता में ही सामर्थ सिद्ध होती है |

जिसका उत्तर पौलुस देता है,

मै सहर्ष अपनी निर्बलता पर घमण्ड करूँगा , जिस से कि मसीह का सामर्थ मुझ में निवास करें | इस कारण मैं मसीह के लिए निर्बलताओं , अपमानों , दुखों , सतावों और कठिनाइयों में प्रसन्न हूँ , क्योकि जब मैं निर्बल होता हूं तो सामर्थी होता हूं |

वह अनुग्रह नहीं कि जो सच्चा आनंद नहीं,
उसे रोके न ही समस्त संकटो से बचाए , परन्तु यह है,
वह अनुग्रह जो हमारे दुख दर्द को नियोजित करता,
और तब अन्धकार में हमें संभालता है |

...जब चर्च जल जाता है

एक १४ वर्ष पुराने चर्च में आग लग जाती है और वह पूरी तरह नष्ट हो जाता है और उसकी मरम्मत नहीं हो पाती | परन्तु इस अन्धकारपूर्ण घटना में परमेश्वर के अनुग्रह का एक अद्भुत कार्य भी था | छत के जिस हिस्से पर आग बुझाने वाले खड़े थे केवल वही एक नही गिरा था | और सात सप्ताह के भीतर ही कलीसिया ने सेकंड कॉन्ग्रिगेशनल चर्च का नया भवन खरीद लिया और १०६ वर्षों तक वहाँ परमेश्वर की आराधना की जब तक कि १९९१ में इस इमारत का काम पूरा नही हो गया |

जो परमेश्वर कमजोर छत के उस हिस्से को स्थिर रखने के द्वारा आग बुझाने वालों को बचा सकता है , जो सात सप्ताह के अंदर एक नवीन तथा बेहतर भवन का प्रबन्ध कर सकता है , वह उस आग को लगने से भी रोक सकता था |

आशा है बात स्पष्ट है | हम परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह का उत्सव मना रहे हैं |

वह अनुग्रह जो हमारे दुख दर्द को नियोजित करता,
और तब अन्धकार में हमें सम्भालता है |

परमेश्वर विपत्ति से हमेशा नहीं बचाता है

यिर्मयाह ३२ में हमारा पाठ इस सम्भालने वाले अनुग्रह के विषय में है और यह स्पष्ट करता है कि वर्षों की विपत्तियों के पश्चात बेथलहेम बैप्टिस्ट चर्च आज तक क्यों जीवित है | यरूशलेम और परमेश्वर की चुनी हुई प्रजा अन्धकार और संकट में है | और स्वयं परमेश्वर ने यह किया है | पद ३६ देखें : “इसलिए अब इस नगर के संबंध में जिसके लिए तुम कहते हो यह तो तलवार , अकाल और मरी के कारण बेबीलोन के राजा के हाथ में दिया गया है |”

उसके विषय वे यही कहते हैं | और यह सच है | परमेश्वर ने उन्हें इस विपदा से नहीं बचाया , न ही परमेश्वर का अनुग्रह आपको आपकी नियुक्त विपदा से बचाएगा |

परन्तु परमेश्वर के चुने हुओं के विषय में वे जो कहते हैं वह निर्णायक नहीं है |परमेश्वर के पास वे अंतिम वचन हैं | और वे अनुग्रह के वचन हैं | पद ३७ “ देखों, मैं उनको उन सब देशों से जिनमें मैंने उन्हें अपने क्रोध , प्रकोप और जलजलाहट में खदेड़ दिया था इकटठा करके इस स्थान में लौटा ले आऊंगा |” अत: परमेश्वर यह कहता है कि उसी ने संकट और दुख कि आज्ञा दी हैं | “मैंने उन्हें खदेड़ दिया था “| और वह कहता है कि वह स्वयं उन्हें छुडाएगा और उन्हें अपने पास और उनके देश में लौटा ले आएगा | दूसरे शब्दों में , विपत्ति पर अंतत: परमेश्वर का सार्वभौम अनुग्रह ही विजयी होगा |

अनुग्रह की विजय के विषय हम कैसे सुनिश्चित हो सकते हैं?

अनुग्रह की विजय के विषय हम कैसे सुनिश्चित हो सकते हैं ? यदि परमेश्वर सच्चा न्यायी है जो इस्राएल को विनाशकारी निर्वासन में भेज सकता है जहां अनेक लोग उनके पाप तथा अवज्ञा के कारण नाश हुए, तब हम दृढता के साथ यह कैसे कह सकते हैं कि आज परमेश्वर के चुने हुओं कलीसिया, मसीह की दुल्हिन, सच्चे इस्राएल , आप और मैं , जो कि उसके पुत्र के साथ संगति में बुलाए गये हैं के साथ ऐसा नही होगा ? यह पूछना एक बात है कि ,”बेथलेहेम चर्च १२५ वर्षों से कैसे स्थिर खड़ा है ? परन्तु यह पूछना अधिक महत्त्वपूर्ण है कि “ हम यह कैसे मान लें कि वह अनुग्रह जिसने उस चर्च को सम्भाले रखा हमारे जीवनों में भी भविष्य में विजयी होगा? “ आप यह कैसे कह सकते हैं कि यह अनुग्रह आपको अन्त तक उस विश्वास तथा पवित्रता में बनाए रखेगा जो आपको सुरक्षित स्वर्ग पहुँचाएंगे |”

शेष पाठ इसी को समझता है | उत्तर है: परमेश्वर के चुने हुओं को सम्भालने वाला अनुग्रह सर्वश्रेष्ठ अनुग्रह है | अर्थात , सम्भालने वाला अनुग्रह सर्वशक्तिमान अनुग्रह है | यह वह अनुग्रह है जो समस्त बाधाओं को पार करता है और उस विश्वास तथा पवित्रता को बनाए रखता है जिससे हम स्वर्ग पहुंचते हैं | भविष्यके लिए हमारी यह एक पक्की निश्चयता है | आप और मैं , अपने आप में , बिलकुल चंचल और अविश्वसनीय हैं | यदि दृढ़ बने रहने के लिए हमें हमारी शक्ति पर छोड़ दिया जाए तो हमारे विश्वास कि नांव निश्चय डूब जाएगी | इसीलिए सदियों से संतगण यह प्रार्थना करते आए हैं ,

हम उस अनुग्रह के कैसे कर्जदार हैं
मैं उसका ऋणी होने पर बाध्य हूं!
मेरी भलाई मेरे भटके दिल को
बेड़ियों सा बांधने पाए ; मेरा दिल भटकता ही रहता है, प्रभु मैं उसे महसूस करता हूं,
उस परमेश्वर को छोडना चाहता है जिससे मै प्रेम करता हूं,
यह मेरा दिल है , उसे ले और मुहरबंद कर;
तेरे भवन के लिए उसे मुहरबंद कर |

संतों को क्या इसी रीती से प्रार्थना करना चाहिये? क्या आपके भविष्य के लिए इस रीती से प्रार्थना करना चाहिए ? क्या यह बाइबल के अनुसार है ? अपनी भलाई को एक बन्धन , एक बेडी बनाएँ जो मेरे भटकते मन को आपके साथ बांधे रखे | मेरे ह्रदय पर स्वर्ग के आंगनों के अटूट बन्धन की मुहर लगाएं | दूसरे शब्दों में : मुझे संभाले  ! मुझे सुरक्षित रखें ! प्रत्येक उठते विरोध को हराएं | प्रत्येक तुच्छ संदेह को दूर करें ! प्रत्येक विनाशकारी प्रलोभन से बचाएं! प्रत्येक घातक प्रलोभन दूर करें ! प्रत्येक शैतानी धोखे को अनावृत्त करें ! प्रत्येक अहंकारी तर्क को पराजित करें ! मुझे रूप दें ! मुझे लगाव दें | मुझे थामें ! मुझ पर नियन्त्रण करें ! जब तक प्रभु यीशु न आए या मुझे स्वर्ग न बुलाएं आप पर भरोसा करने तथा आपका भय मानने के लिए जो कुछ करना हो वह आप करें | क्या हमें इस रीती से गाना चाहिये ?

बाइबल के पाठ के अनुसार उत्तर है “हां” | इस प्रकार का गाना या प्रार्थना करना सर्वश्रेष्ट , सम्भालने वाले अनुग्रह की नई वाचा की प्रतिज्ञा पर आधारित है | हम इसे पढ़ें | इसे स्मरण रखें | यह उस नई वाचा की पुराना नियम की अनेक प्रतिज्ञाओं में से एक है जिसके विषय यीशु ने कहा कि उसने उसे उन सब के लिए जो उसके हैं अपने लहू से छाप दी है | यह केवल यहूदियों के लिए नहीं है , परन्तु उनके लिए जो इब्राहीम के वंश मसीह यीशु के साथ होने के कारण सच्चे यहूदी हैं (गलतियों ३:७,८ ) | यिर्मयाह ३२:३८ -४१ कहता है,

और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे , और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा | मैं उनको एक ही मन और एक ही चाल कर दूँगा कि वे सदा मेरा भय मानते रहें , जिस से उनका और उनके वंश का भी भला हो | मैं उनसे यह वाचा बांधूंगा कि मैं कभी उनका संग छोड़ कर उनका भला करना न छोडूंगा; और अपना भय मैं उनके मन से ऐसा उपजाऊंगा कि वे कभी मुझ से अलग होना न चाहेंगे | मैं बड़ी प्रसन्नता के साथ उनका भला करता रहूँगा , और सचमुच उन्हें इस देश में सारे मन और प्राण से बसा दूँगा |

परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह की चार प्रतिज्ञाएँ -

परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह की चार प्रतिज्ञाओं पर ध्यान दीजिए |

1. मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा

परमेश्वर हमारा परमेश्वर होने की प्रतिज्ञा करता है | पद ३८ “ वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर होऊंगा |” अपनी प्रजा के लिए परमेश्वर की सारी प्रतिज्ञाएं इसमें सारगर्भित हैं , “ मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा |” अर्थात परमेश्वर के रूप में जो कुछ हूं उस सब का उपयोग करूँगा | मेरी सारी बुध्दि , मेरी सारी सामर्थ और मेरे सारे प्रेम का कि तुम मेरी प्रजा बने रहो | परमेश्वर के रूप में जो कुछ मैं हूं , मैं तुम्हारे भले के लिए लगाऊंगा |

2. परमेश्वर हमारे ह्रदयों को बदलने की प्रतिज्ञा करता है

परमेश्वर हमारे ह्रदयों को बदलने तथा हमे उसे प्रेम करने वाले और उसका भय मानने वाले बनाने की प्रतिज्ञा करता है | पद ३९ में “ और मैं उनको एक ही मन और एक ही मार्ग दूँगा कि वे सदा मेरा भय मानते रहें ... (पद ४० ब ) और मैं अपना भय उनके ह्रदयों में डालूँगा |” दूसरे शब्दों में , परमेश्वर बस खड़े यह नहीं देखेगा कि क्या हम अपनी सामर्थ्य में होकर उसका भय रखेंगे ? सर्वोच्चता में, श्रेष्टता में ,दया करके हमें वह ह्रदय देता है जिसकी हमें आवश्यकता है, और हमें वह विश्वास तथा परमेश्वर का भय देता है जो हमें स्वर्ग पहुंचाएगा | यह परमेश्वर का सम्भालने वाला अनुग्रह है (देखिये व्यवस्थाविवरण ३०:६, यहेजकेल ११:१९ ,२० ३६:२७)|

३ . परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि हम उससे कभी विमुख नही होंगे

परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि वह हम से कभी नही फिरेगा और हम उससे कभी विमुख नही होंगे | पद ४० , “मैं उनके साथ अनन्तकाल की यह वाचा बांधूंगा कि उनकी भलाई करने से कभी न फिरूँगा और अपना भय उनके ह्रदयों में डालूँगा जिससे वे मुझ से कभी विमुख न हो |” दूसरे शब्दोंमें , उसके ह्रदय का कार्य इतना शक्तिशाली है कि वह यह आश्वासन देता है कि हम उस से दूर नही होंगे | नई वाचा में यही नई बात है | परमेश्वर अपनी सामर्थ द्वारा उन शतों को पूरा करनो की प्रतिज्ञा करता है जिन्हें हमें पूरी करना हैं | हमें उसका भय मानना है , उससे प्रेम करना है और उस पर भरोसा रखना है | और वह कहता है, मैं सब कुछ करूँगा | “ मैं अपना भय उनके ह्रदयों में डालूँगा “ इसलिए नही कि वे इसके कारण क्या करेंगे , परन्तु इस रीती से कि “ वे मुझ से विमुख नहीं होंगे |” यही परमेश्वर का सम्भालने वाला अनुग्रह है |

४ . परमेश्वर यह असीम तीव्रता के साथ करने की प्रतिज्ञा करता है

अंतत: परमेश्वर यह कल्पना से परे तीव्रता से करने की प्रतिज्ञा करता है | वह इसे दो रीतिसे प्रकट करता है | पहली बात पद ४१ के आरम्भ में है , “और मै आनंदपूर्वक उनकी भलाई करूँगा , और अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से सचमुच उन्हें इस दोष में स्थापित करूँगा |” पहले वह कहता है कि आनंदपूर्वक इस ईश्वरीय सम्भालने वाले अनुग्रह को प्रकट करेगा : “मै आनंद पूर्वक उनकी भलाई करूँगा |” तब वह (पद ४१ के अन्त में ) कहता है कि वह इस सम्भालने वाले अनुग्रह को अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से प्रकट करेगा |

आपकी भलाई की परमेश्वर कितनी बड़ी अभिलाषा करता है ?

वह आपको सम्भालने से प्रसन्न होता है और वह अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से प्रसन्न होता है | अब मैं आप से पूछता हूं , उपदेश की किसी अतिशयोक्ति या आडम्बरपूर्ण शब्दों के साथ नहीं , “ क्या आप अभिलाषा की किसी भी अन्य तीव्रता से सहमत हो सकते हैं जो कि ‘ परमेश्वर के सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण ’ सशक्त अभिलाष से बढकर हो? मान ले कि आप पृथ्वी भर के समस्त लोगों लगभग छ: अरब की भोजन , यौन ,धन ,पद, और नाम और धन और मित्र और सुरक्षा की अभिलाषा को लें और एक पात्र में रखें | “ परमेश्वर के सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण “ से आपकी भलाई करने की अभिलाषा की तुलना में यह क्या ठहरेगा ? यह प्रशांत महासागर की एक बूंद के समान होगा | क्योकि परमेश्वर का मन और प्राण असीम है | परमेश्वर के सम्पूर्ण मान और परमेश्वर के सम्पूर्ण प्राण से बढ़कर कोई तीव्रता नही है |

श्रेष्ठ अनुग्रह द्वारा आपको सम्भालने में उसे वह अति आनंद प्राप्त होता है | “मैं आनंदपूर्वक उनकी भलाई करूँगा , और अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से ...|” आप में से कुछ लोग शायद इस अनुग्रह की मिठास को आज सुबह पहली बार चख रहे होंगे | आपके जीवन में यह पवित्र आत्मा का कार्य है , और मैं आप से आग्रह करूँगा कि इसकी सुनें और परमेश्वर के सम्भालने वाले अनुग्रह कि अधीनता को स्वीकार करें |

आप में से कुछ अन्य लोगों ने दशकों से इस मधुर निश्चयता में जीवन व्यतीत किया है और आप आज सुबह मेरे साथ हमारे जीवनों में इस भव्य सच्चाई के लिए धन्यवाद दे रहे हैं | मैं आप सभी को निमंत्रित करता हूं कि मेरे साथ मिलकर पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के इस सम्भालने वाले अनुग्रह के लिए गुणगान करें जिसने हमें १२५ वर्षों से सुरक्षित रखा है और मसीह यीशु के दुबारा आने तक या हमारी मृत्यु तक हम परमेश्वर के चुने हुओं को संभाले रखेगा |

वह अनुग्रह नहीं कि जो सच्चा आनंद नहीं,
उसे रोके न् ही समस्त संकटो से बचाए , परन्तु यह है,
वह अनुग्रह जो हमारे दुख दर्द को नियोजित करता,
और तब अन्धकार में हमें संभालता है |

हम गीत क्रमांक ९ गाकर प्रभु की स्तुति करें, “पिता की स्तुति गाओ “ और जब हम तीसरे पद में आते हैं , मेरे साथ इस सत्य में आनन्दित हों कि आत्मा जिलाता है , मनाता है , और अधीन बनाता और मुहरबंद करता है , और हमें परमेश्वर के समक्ष निर्दोष खड़ा करता है |